परम पूज्य संत शिरोमणि बाबा सूरज पाल सिंह जी महाराज पटियाला वाले जिन्हें अपने सात जन्मों का हाल ज्ञात था और जिन्होंने अनेकानेक बड़े-बड़े सेवा कार्य देश-विदेश में चलाए हुए हैं जिनकी मान्यता देश-विदेश में हैं। जो काफी विषयों में पी0 एच0 डी0 थे। एक समय इनके निकट सम्बन्धी अति कष्टमय असाध्य बिमारी से पीड़ित थे भारी भरकम चिकित्सा से लाभ न हुआ तब इन्होंने ध्यान समाधि की अवस्था में खोज की कि मेरा राजवैद्य कहां है जो पूर्व जन्म में मेरा राजवैद्य था और तब इन्होंनें पाया कि मेरे पूर्वजन्म का वैद्य राम कुमार सोलन में है और इन्होंने ध्यान अवस्था में मोबाईल नम्बर भी खोज लिया और वैद्य राम कुमार बिन्दल जी से सम्पर्क किया और इनके सम्बन्धी की चिकित्सा करवाई और इन्होंने वैद्य जी को भारत और विदेशों में बहुत प्रचारित किया और मान-सम्मान बढ़ाया । बाद में इनके विशेष शिष्यों द्वारा पता चला कि वैद्य राम कुमार बिन्दल इनके पूर्व दो जन्मों में जबकि ये महाराजा जयपुर व महाराजा भरतपुर थे और इनका नाम सूरज पाल सिंह ही था इनके राजवैद्य थे । इस प्रकार मैं सौभाग्यवान हूँ कि ऐसे महान संत का पूर्ण आशीर्वाद व सहयोग मिला ।
बाबा सूरजपाल जी द्वरा अरबी भाषा में लिखित आशीर्वाद – 2010 बखिदमत अंजनाब, हकीमेहाजिक मसीह हुज़जमा श्री रामकुमार बिन्दल जी अनार अल्लाहू बुरहानऊ I बरग सैदाअस्त तोहफये दरवेश गरकबूल उस्तदजहे इज्जोशरफ हिब्दी अर्थ: सेवा में माननीय महापुरुष, बड़े माहिर वैद्य जमाने को शिफा देने वाले श्री रामकुमार बिन्दल जी ईश्वर अल्लाह रोशन करे आपकी दलील तजवीज को I अमृत पत्र जैसे व्यक्तित्व वाले यदि आप इस संत का तोहफा कबूल कर लें तो मेरे लिए बड़े सम्मान की बात होगी I अज तरफ दसोन्दास सूरजपाल सिंह-सिखसेवादार अमृतप्रचार संगत ट्रस्ट (रजिo) श्री आनन्दपुर साहिब जिला कीरतपुर (पंजाब) ।
सन् 2011 में पतंजलि योग पीठ द्वारा आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वैद्य राम कुमार बिन्दल जी को आयुर्वेद गौरव सम्मान से अलंकृत किया गया व एक लाख रूपए का पुरस्कार चैक से दिया गया। यह उपाधि वर्ष भर में देश के चुनिन्दा आयुर्वेद के 3 से 5 वैज्ञानिकों को दी जाती है।।
सन् 2010 में षोडश दीक्षांत समारोह में वैद्य राम कुमार बिन्दलजी को भारत सरकार की ओर से F.N.A. (FELLOW NATIONAL ACADEMY OF AYURVEDA) की मानद उपाधि प्रदान करते हुए स्वास्थ्य मंत्री महोदया। यह उपाधि वर्ष भर में एक विषय में केवल पांच चुन्निदा वैज्ञानिकों को दी जाती है ।
सन् 2011 भारत की अतिप्रतिष्ठित भारत सरकार के बड़े डॉ.यशवन्त सिंह परमार विश्व विद्यालय जोकि जड़ी-बूटियों के शोधकार्य में बड़ा व प्रसिद्धविश्व विद्यालय है के कुलपति डॉ. कृष्ण धीमान जी द्वारा आयुर्वेद व जड़ी-बूटियों के क्षेत्र में महान कार्य करने हेतु वैद्य रामकुमार बिन्दल जी को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
महामना राज्यपाल महोदय हिमाचल प्रदेश माननीय आचार्य देवव्रत जी से इस ग्रन्थ के सम्बन्ध् में चर्चा करते हुए ।
महामना राज्यपाल महोदय हिमाचल प्रदेश माननीय आचार्य देवव्रत जी को पुष्प भेंट कर सम्मानित करते हुए वैद्य रामकुमार बिन्दल एवं हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के वाईस चान्सलर प्रोफेसर डॉक्टर सिकन्दर कुमार जी ।
सन् 1975 में हमें और हमारी फार्मेसी व चिकित्सा कार्य को राष्ट्रीय ट्रेड फेयर आवार्ड दिया गया, जोकि उत्तम निर्माण, ईमानदारी व धर्मिक विचार से व्यापार करने वालों को दिया जाता है। हमें गोल्ड मैडल बम्बई के ताजहोटल में किए गए सम्मान समारोह में तत्कालीन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किया गया, के समय की दो फोटो उपरोक्त है।
सन् 1977 में अखिल भारतीय आयुर्वेद कांग्रेस द्वारा आयोजित विश्व आयुर्वेद महा सम्मेलन जिसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय मोरारजी देसाई द्वारा व अध्यक्षता केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री माननीय राजनारायण जी द्वारा की गई थी। इस अवसर पर हमारी फार्मेसी श्री बिन्दल रसायनशाला द्वारा 300 हरी एवं 400 शुष्क जड़ी बूटियों एवं धातुओं व रत्नों की प्रदर्शनी लगाई गई थी जिसका उद्घाटन महामना वैद्य शिरोमणि डॉ.शिव शर्मा ( जो आयुर्वेद कांग्रेस के कई वर्षों तक राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे ) द्वारा किया गया था। जिसमें हमारे द्वारा 2000 वर्षों बाद प्रथम बार कालचक्र की गति में विलुप्त हो चुकी जड़ी-बूटियों, अष्टवर्ग, श्वेत पुष्पा कंटकारी के शोध व खोज के बाद ( दुर्लभा, चन्द्रपुष्पा, पुत्रादायिनी, गर्भदायिनी, श्वास नाशिनी, लक्ष्मणा आदि नामों से पुकारा गया है ) तथा सालब मिश्री, सकाकल मिश्री आदि भी प्रदर्शित की गई थी को निरीक्षण करते हुए डॉ.शिव शर्मा काले सूट में, वैद्य राम कुमार बिन्दल सफेद सूट में साथ में डॉ.राम अवतार बिन्दल सफेद सूट में तथा सबसे पहले डॉ.शर्मा के साथ हमारे सहयोगी नन्दलाल हैं (फोटो उपरोक्त लगाई गई है।) दूसरी फोटो में तत्कालीन अखिल भारतीय आयुर्वेद कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष कविराज वैद्य लालचन्द प्रार्थी, माननीय पूर्व उद्योग व आयुर्वेद व कृषि मंत्री महोदय अष्टवर्ग का अवलोकन करते हुए साथ में उपरोक्त तीनों और अन्य वैद्यगण ।
उपरोक्त समय 1977 में तत्कालीन स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद मंत्री माननीय दौलत राम चौहान प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए साथ में वैद्य राम कुमार बिन्दल, वैद्य राम अवतार बिन्दल तथा अधिकारीगण।
इसी अवसर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद कांग्रेस के अधिकारीगण भगवान धन्वन्तरीकी प्रतिमा के सामने स्टेज पर खड़े, विश्व प्रसिद्ध (चिकित्सक डॉ.अडु़पा, डॉ.अमरनाथ शास्त्री, डॉ.कीर्ति शर्मा व अन्य बड़े वैद्यों के साथ वैद्य राम कुमार बिन्दल, डॉ.राम अवतार बिन्दल व अन्य वैद्य गण ।
उपरोक्त महासम्मेलन के इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के डायरेक्टर हैल्थ सर्वसिज व आयुर्वेद बाँए से पांचवें, वैद्य राम कुमार बिन्दल, बाँए से तीसरे वैद्य राम अवतार बिन्दल बाँए से सातवें एवं आयुर्वेद के डिप्टीडायरेक्टर तथा अन्य जिला चिकित्सा अधिकारी आदि-आदि ।
सन् 2002 में हुए अन्तर्राष्ट्रीय आयुर्वेद महासम्मेलन के अधिवेशन में दिल्ली में डॉ.मुरली मनोहर जोशी केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद मंत्री (काली सफेद धरी वाले पटके व शाल ओढ़े) व महामना वैद्य वृहस्पति देव त्रिगुणा अध्यक्ष महासम्मेलन, राष्ट्रपति के चिकित्सक व अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चिकित्सक से वार्तालाप करते हुए वैद्य राम कुमार बिन्दल (हरी टोपी व कोट वाले), वैद्य विक्रम बिन्दल (सफेद स्वेटर वाले)।
अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के केन्द्रीय व प्रान्तीय अधिवेशन के अवसर पर वैद्य रामकुमार बिन्दल भगवान धन्वन्तरीकी पूजा करते हुए साथ में महामना वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा जी ।
अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के केन्द्रीय व प्रान्तीय अधिवेशन के अवसर पर वैद्य रामकुमार बिन्दल अखिल भारतीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष व मंत्रियों के साथ ।
अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के केन्द्रीय व प्रान्तीय अधिवेशन के अवसर पर वैद्य रामकुमार बिन्दल को महामना वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा जी जो महामहिम राष्ट्रपति के व्यक्तिगत चिकित्सक एवं राष्ट्रीय विद्यापीठ के अध्यक्ष हैं शाल ओढ़ा कर सम्मानित करते हुए ।